Sunday, February 14, 2010
कोपेनहेगन 'फैशनवीक' से निकलता संदेश
कोपेनहेगन याद है। वही कोपेनहेगन जहां जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर करीब करीब दुनिया के सभी मुल्कों के बड़े प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। सुर्खियां थीं, बहस थी, चिंतन था धरती के ऊपर मंडराते खतरे का। कहीं गर्मी पड़ी तो पड़ती रह गई, तो कहीं ठंड ने ज़िंदगी को सिकोड़ कर रख दिया। नदियों के घटते जलस्तर पर चर्चा हुई तो मौसम के बिगड़ते मिज़ाज़ पर चिंता। लेकिन इस बार ये शहर फैशनपरस्तों के लिए जगमगा रहा है। यहां चल रहा है कोपेनहेगन फैशन वीक। ये उत्तरी यूरोप के बड़े फैशन जलसों में से एक है। फैशन वीक का ये जलसा फैशन की नए और जानेमाने दोनों ही तरह की डेनिश प्रतिभाओं के लिए भविष्य लेकर आता है। चार दिनों के इस आयोजन में तकरीबन चालीस शो होनेवाले हैं। और इसमें कई जानेमाने लेबल्स शामिल हैं जैसे रॉज़ुओ का डैनिश लेबल, मैलेन बर्जर का नॉयर और हैनरिक विबिस्को। इसके अलावा उत्तरी यूरोप के बड़े लेबल्स भी इस फैशन वीक में नए कलेक्शन पेश करेंगे। खास बात ये है कि इस बार का फैशन बिल्कुल नए ट्रेंड को लेकर है। रिपेयर्ड क्लाथ्स...आर्थिक मंदी से उबर रही दुनिया के लिए ये सिंपल पर मॉड है। ये स्ट्रीट फैशन है...
ट्रेंड एक्सपर्ट विंसेट ग्रिगोरे कहते हैं कि "एक खास बात जो इस आर्थिक मंदी से उबरती दुनिया में दिखाई दे रही है वो है ग्राहकों का सादा ज़िंदगी को ओर बढ़ता रूझान। अब लोग रिपेयर किए कपड़ों को भी पहनना पसंद कर रहे हैं। जो खराब हो चुके हैं। इसके ज़रिए वो बिना कहे ही कई संदेश देते हैं। गहरे नैतिक मूल्य, एक नई आधुनिकता, एक नई सरलता। और हां एक विलासिता से भरी हुई सरलता। "
फैशन और नए ट्रेंड की समझ ज़ाहिर है फैशनडिज़ाइनर्स से बेहतर किसी के पास नहीं होती। लेकिन इन फैशनडिज़ाइनर के पास एक समझ और है वो है फाइनेंशियल क्राइसिस से उबरती दुनिया के बाज़ार की। इन फैशन डिज़ाइनर्स ने स्ट्रीट फैशन को नैतिक मूल्यों से जोड़ दिया है। ये कहते हैं कि कंज़्यूमर्स दरअसल अब सादा जीवन के सिद्धांत को तवज्जो दे रहे हैं ये एक अच्छा संकेत है। वो सामान्य कपड़े खरीदना चाहते हैं जो साधारण वस्तुओं से बना हो।
नए ट्रेंड की तीन खासियत है। पहला ये नीतिगत है दूसरा ये सादगी से भरा हुआ है। और तीसरा ये ज्यादा स्थानीय है। कंज्यूमर वैश्वीकरण से डरे हुए हैं लिहाज़ा वो कुछ ऐसा चाहते हैं जो ज़मीन से जुड़ा हुआ हो और उनकी ज़िंदगी के नज़दीक भी हो।
भले ही आर्थिक मंदी का असर नकारात्मक नज़रिए के साथ देखा गया हो पर डैनिश फैशन वीक में उभरती फैशन की नई परिभाषा और नए संकेतों ने बहुत कुछ सकारात्मक भी रचा है। नार्थ यूरोप के इस बड़े फैशन वीक में एक बात तो शिद्दत के साथ ज़िंदा हो रही है वो ये की सादा जीवन उच्च विचार। क्या खयाल है आपका।
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हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
इस नए चिट्ठे के साथ आपको हिंदी चिट्ठा जगत में आपको देखकर खुशी हुई .. सफलता के लिए बहुत शुभकामनाएं !!
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