इस मोड़ पर...
Sunday, March 7, 2010
आदमी शिकारी है!
तरकश हर शख्स रखता है
और तीर भी
पर ज़रूरी नहीं कि
हर तीर ज़हर बुझे हों...
कुछ लोग तरकश में
बिना नोक वाले तीर रखते हैं
चोट तो लगती है, जान नहीं जाती
और इंसानों के कभी शिकारी होने की
पहचान नहीं जाती...
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